Cryptocurrency Bill: क्रिप्‍टो के निवेशकों के लिए बुरी खबर, इसमें निवेश करने वालों को होगी जेल, नहीं मिलेगी जमानत: रिपोर्ट

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Cryptocurrency Bill: क्रिप्‍टो के निवेशकों के लिए बुरी खबर, इसमें निवेश करने वालों को होगी जेल, नहीं मिलेगी जमानत: रिपोर्ट
Cryptocurrency Bill: भारत में निजी क्रिप्‍टोकरेंसीज (Private Cryptocurreny) को लेकर केंद्र सरकार काफी सख्त रुख आपनाने जा रही है. डिजिटल करेंसीज (Digital Currencies) को लेकर केंद्र सरकार ने जो बिल तैयार कर रही है, उससे जुड़े कुछ नए तथ्‍य समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में सामने लेकर आई है. एक सरकारी सूत्र और रॉयटर्स द्वारा देखे गए बिल के सारांश के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के इस्‍तेमाल पर बैन (Ban on Cryptocurrency) लगाने वाला प्रस्‍तावित कानून इसका उल्‍लंघन करने वालों पर भी कार्रवाई कर सकता है. प्रस्तावित कानून में जो बात कही गई है, उसके मुताबिक, कानून तोड़ने वालों बिना वॉरंट गिरफ्तार किया जा सकता है और उन्‍हें जमानत भी नहीं मिल पाएगी।
केंद्र सरकार पहले ही इस बात के लिए इशारा कर चुकी है कि वह ज्‍यादातर क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है. सरकार का यह कदम चीन की ओर से अपनाए गए उपायों को फॉलो करता है. चीन ने सितंबर से क्रिप्टोकरेंसीज पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है.
Cryptocurrency Bill: क्रिप्‍टो के निवेशकों के लिए बुरी खबर आ रही है. रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस करेंसी में निवेश करने वालों को जेल की सजा हो सकती है और जमानत भी नहीं मिलेगी.
Cryptocurrency Bill: भारत में निजी क्रिप्‍टोकरेंसीज (Private Cryptocurreny) को लेकर केंद्र सरकार काफी सख्त रुख आपनाने जा रही है. डिजिटल करेंसीज (Digital Currencies) को लेकर केंद्र सरकार ने जो बिल तैयार कर रही है, उससे जुड़े कुछ नए तथ्‍य समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में सामने लेकर आई है. एक सरकारी सूत्र और रॉयटर्स द्वारा देखे गए बिल के सारांश के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के इस्‍तेमाल पर बैन (Ban on Cryptocurrency) लगाने वाला प्रस्‍तावित कानून इसका उल्‍लंघन करने वालों पर भी कार्रवाई कर सकता है. प्रस्तावित कानून में जो बात कही गई है, उसके मुताबिक, कानून तोड़ने वालों बिना वॉरंट गिरफ्तार किया जा सकता है और उन्‍हें जमानत भी नहीं मिल पाएगी.केंद्र सरकार पहले ही इस बात के लिए इशारा कर चुकी है कि वह ज्‍यादातर क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है. सरकार का यह कदम चीन की ओर से अपनाए गए उपायों को फॉलो करता है. चीन ने सितंबर से क्रिप्टोकरेंसीज पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है.
बिल का जो सारांश है, उसके मुताबिक, भारत सरकार किसी भी व्यक्ति द्वारा डिजिटल करेंसी को विनिमय का माध्यम' (medium of exchange), मूल्य का भंडार (store of value) और खाते की इकाई (a unit of account)' के तौर पर माइनिंग, जेनरेटिंग, होल्डिंग, सेलिंग (अथवा) डीलिंग जैसी सभी गतिविधियों को सामान्यत: प्रतिबंधित करने की योजना बना रही है.

इस बिल के बारे में जानकारी देने वाला सूत्र मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं है और उन्‍होंने अपनी पहचान जाहिर करने से भी मना कर दिया. साथ ही, आपको बता दें, इसके बारे में सही जानकारी प्राप्त करने और खबर को ज्यादा पुख्ता बनाने के लिए वित्त मंत्रालय को एक ई-मेल भेजा गया था, लेकिन मंत्रालय की तरफ से कोई जवाब नहीं आया.

इस मामले में सरकार पहले ही यह कह चुकी है कि उसका मकसद ब्लॉकचेन तकनीक को बढ़ावा देना है, पर वकीलों का कहना है कि प्रस्तावित कानून भारत में नॉन-फंजिबल टोकेन मार्केट के लिए भी एक झटका होगा.
gadgets360 में प्रकाशित खबर के मुताबिक, लॉ फर्म Ikigai Law के फाउंडर अनिरुद्ध रस्तोगी ने कहा, अगर किसी भी पेमेंट की अनुमति नहीं है और ट्रांजैक्‍शन फीस के लिए कोई अपवाद नहीं बनाया गया है, तो यह ब्लॉकचेन के डेवलपमेंट और NEFT को भी रोक देगा.'

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर नकेल कसने की सरकार की योजना के कारण कई इन्‍वेस्‍टर्स नुकसान के साथ मार्केट से बाहर निकल गए हैं.

बड़ी संख्‍या में एडवर्टाइजिंग और क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती कीमतों से आकर्षित होकर भारत में क्रिप्टो इन्‍वेस्‍टर्स की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है.

हालांकि, इसका कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं है, लेकि, इंडस्‍ट्री का अनुमान है कि देश में लगभग 15 मिलियन से 20 मिलियन क्रिप्टो इन्‍वेस्‍टर हैं. इनके पास लगभग 45 हजार करोड़ रुपये की क्रिप्टो होल्डिंग्स हैं.

सूत्र के मुताबिक, सेल्‍फ-कस्टोडियल वॉलेट पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है, क्योंकि सेल्‍फ-कस्टोडियल वॉलेट की मदद से इन्‍वेस्‍टर, क्रिप्‍टो एक्सचेंजों के बाहर डिजिटल करेंसीज को स्टोर कर सकते हैं.

संसद में लाए जाने वाले बिल के मसौदे में कहा गया है कि रिजर्व बैंक की चिंताओं के बाद डिजिटल करेंसीज को लेकर सख्त नियम बने हैं. इनका उद्देश्य पारंपरिक फाइनैंशियल सेक्‍टर को क्रिप्टोकरेंसी से बचाने के लिए सुरक्षा उपाय देना है.

जिसमें यह भी कहा गया है कि सिक्‍योरिटीज एंड एक्‍सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI क्रिप्टो असेट्स के लिए रेगुलेटर होगा.
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